स्पर्श भाग -2 पर्वत प्रदेश के पावत (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए ) प्रश्न 1: पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए? उत्तर: वर्षा ऋतु में मौसम बदलता रहता है। तेज़ वर्षा होती है। जल पहाड़ों के नीचे इकट्ठा होता है तो दर्पण जैसा लगता है। पर्वत मालाओं पर अनगिनत फूल खिल जाते हैं। ऐसा लगता है कि अनेकों नेत्र खोलकर पर्वत देख रहा है। पर्वतों पर बहते झरने मानो उनका गौरव गान गा रहे हैं। लंबे-लंबे वृक्ष आसमान को निहारते चिंतामग्न दिखाई दे रहे हैं। अचानक काले-काले बादल घिर आते…
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स्पर्श भाग -2 मनुष्यता (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए ) प्रश्न 1: कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है? उत्तर: प्रत्येक मनुष्य समयानुसार अवश्य मृत्यु को प्राप्त होता है क्योंकि जीवन नश्वर है। इसलिए मृत्यु से डरना नहीं चाहिए बल्कि जीवन में ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे उसे बाद में भी याद रखा जाए। उसकी मृत्यु व्यर्थ न जाए। अपना जीवन दूसरों को समर्पित कर दें। जो केवल अपने लिए जीते हैं वे व्यक्ति नहीं पशु के समान हैं। प्रश्न 2: उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है? उत्तर: उदार व्यक्ति परोपकारी होता है। अपना पूरा जीवन पुण्य…
स्पर्श भाग -2 दोहे (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए ) प्रश्न 1: छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती है? उत्तर: जेठ के महीने में धूप इतनी तेज़ होती है कि सिर पर आने लगती है जिससे छाया छोटी होती जाती है। इसलिए कवि का कहना है कि जेठ की दुपहरी की भीषण गर्मी में छाया भी छाया ढूँढ़ने लगती है। प्रश्न 2: बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात’ – स्पष्ट कीजिए। उत्तर: बिहारी की नायिका अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं।…
स्पर्श भाग -2 पद (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए ) प्रश्न 1: पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है? उत्तर: मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती की है − प्रभु जिस प्रकार आपने द्रोपदी का वस्त्र बढ़ाकर भरी सभा में उसकी लाज रखी, नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मार कर प्रह्लाद को बचाया, मगरमच्छ ने जब हाथी को अपने मुँह में ले लिया तो उसे बचाया और पीड़ा भी हरी। हे प्रभु ! इसी तरह मुझे भी हर संकट से बचाकर पीड़ा मुक्त करो। प्रश्न 2:…
स्पर्श भाग -2 साखी (निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए ) प्रश्न 1:मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है उत्तर: जब भी हम मीठी वाणी बोलते हैं, तो उसका प्रभाव चमत्कारिक होता है। इससे सुनने वाले की आत्मा तृप्त होती है और मन प्रसन्न होता है। उसके मन से क्रोध और घृणा के भाव नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही हमारा अंत:करण भी प्रसन्न हो जाता है। प्रभाव स्वरुप औरों को सुख और शीतलता प्राप्त होती है। प्रश्न 2:दीपक दिखाई देने पर अँधियारा कैसे मिट जाता है? साखी के संदर्भ में…
NCERT Solutions for Class 10 Chhitij Part 2 Hindi Chapter 17 – Bhadant Anand Kausalyan छितिज भाग -2 भदंत आनंद कौसल्यायन प्रश्न 1: लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है? उत्तर: लेखक की दृष्टि में दो शब्द सभ्यता और संस्कृति की सही समझ अभी भी नहीं हो पाई है; क्योंकि इनका उपयोग बहुत अधिक होता है और वो भी किसी एक अर्थ में नहीं होता है। इनके साथ अनेक विशेषण लग जाते हैं; जैसे – भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता इन विशेषणों के कारण शब्दों का अर्थ बदलता रहता है। इससे यह…
छितिज भाग -2 यतीन्द्र मिश्र प्रश्न 1: शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है? उत्तर: मशहूर शहनाई वादक “बिस्मिल्ला खाँ” का जन्म डुमराँव गाँव में ही हुआ था। इसके अलावा शहनाई बजाने के लिए रीड का प्रयोग होता है। रीड अंदर से पोली होती है, जिसके सहारे शहनाई को फूँका जाता है। रीड, नरकट से बनाई जाती है जो डुमराँव में मुख्यत: सोन नदी के किनारे पाई जाती है। इसी कारण शहनाई की दुनिया में डुमराँव का महत्व है। प्रश्न 2: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? उत्तर: शहनाई…
छितिज भाग -2 महावीरप्रसाद द्विवेदी प्रश्न 1:कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया? उत्तर: कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने अनेक तर्कों के द्वारा उनके विचारों का खंडन किया है – (1) प्राचीन काल में भी स्त्रियाँ शिक्षा ग्रहण कर सकती थीं। सीता, शकुंतला, रुकमणी, आदि महिलाएँ इसका उदाहरण हैं। वेदों, पुराणों में इसका प्रमाण भी मिलता है। (2) प्राचीन युग में अनेक पदों की रचना भी स्त्री ने की है। (3) यदि गृह कलह स्त्रियों की शिक्षा का ही…
छितिज भाग -2 मन्नू भंडारी प्रश्न 1:लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा? उत्तर: लेखिका के व्यक्तित्व पर दो व्यक्तियों का प्रभाव विशेष रूप से देखा जा सकता है। प्रथम उनके पिता तथा द्वितीय उनकी हिंदी अध्यापिका शीला अग्रवाल। लेखिका के पिताजी के कभी अच्छे कभी बुरे व्यवहार ने ुके जीवन को बहुत हद तक प्रभावित किया। उनके पिता रंग के कारण उनकी उपेक्षा करते थे। इसका परिणाम यह हुआ कि लेखिका के मन में आत्मविश्वास की कमी हो गई। भविष्य में अपनी सफलता पर लेखिका को कभी भरोसा नहीं हुआ। पिता द्वारा लोगों पर…
छितिज भाग -2 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना प्रश्न 1:फ़ादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी? उत्तर: देवदार का वृक्ष आकार में लंबा-चौड़ा होता है तथा छायादार भी होता है। फ़ादर बुल्के का व्यक्तित्व भी कुछ ऐसा ही है। जीस प्रकार देवदार का वृक्ष वृहदाकार होने के कारण लोगों को छाया देकर शीतलता प्रदान करता है। ठीक उसी प्रकार फ़ादर बुल्के भी अपने शरण में आए लोगों को आश्रय देते थे। तथा दु:ख के समय में सांत्वना के वचनों द्वारा उनको शीतलता प्रदान करते थे। प्रश्न 2: फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर…